डॉ0 हरि नाथ मिश्र

*त्रिपदियाँ* अगहन मास लगे अति न्यारा, सूरज भी लगता है प्यारा। जन-जन का यह रहे दुलारा।। ----------------------------------- आपस में मिल-जुल कर रहना, होता है जीवन का गहना। ऋषियों-मुनियों का है कहना।। ------------------------------------- सदा बड़ों का कहना मानो, जीवन-सार इसी को जानो। बुरा-भला सबको पहचानो।। -------------------------------------- कभी नहीं भावों में बहना, सम विचार सुख-दुख में रखना। मौसम-मार मुदित हो सहना।। --------------------------------------- सद्विचार जब पलता रहता, हितकर कर्म मनुज तब करता। बिगड़ा काम तभी जग बनता।। ©डॉ0हरि नाथ मिश्र 9919446374

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