युवा-पुकार
कहते सभी युवा भारत के,
नहीं शस्त्र-तलवार चाहिए।
शिक्षा-स्वास्थ्य-सुरक्षा जो दे-
बस ऐसी सरकार चाहिए।।
मिले हमें अवसर भी पढ़-लिख,
समुचित सेवा भी करने का।
करें सभी जनता की सेवा,
सम्मान राष्ट्र का रखने का।
श्रम जो करें मिले फल उसका-
नहीं तर्क-तकरार चाहिए।।
बस ऐसी सरकार चाहिए।।
संसद और सभा के प्रतिनिधि,
युवा-युवतियाँ भी बन जाएँ।
सभी घिनौनी चाल सियासी,
पर अंकुश मिल सभी लगाएँ।
करें विमल हम पटल सियासी-
ऐसा ही अधिकार चाहिए।।
बस ऐसी सरकार चाहिए।।
जनता में विष-बेल जाति की,
बो न हमें है चाहत मत की।
भेद-भाव का बीज डालकर,
फसल भी काटें सियासत की।
करें न दूषित शासन हम सब-
हमें शुद्ध संचार चाहिए।।
बस ऐसी सरकार चाहिए।।
समुचित-सुंदर-स्वस्थ व्यवस्था,
है उद्देश्य निराला अपना।
संस्कृति अपनी पुरा काल की,
हो पुनि पुष्पित आला सपना।
ज्ञान और विज्ञान-कला का-
विकसित एक विचार चाहिए।।
बस ऐसी सरकार चाहिए।।
संकट में भी हम सब मिलकर,
लड़ें लड़ाई धीरज रखकर।
असहायों की करें मदद हम,
सदा सहायक- सेवक बनकर।
हानि-लाभ की रहे न चिंता-
धवल यही संस्कार चाहिए।।
बस ऐसी सरकार चाहिए।।
©डॉ0हरि नाथ मिश्र
9919446372
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