"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
डा.नीलम
*प्यार की सौगात*
देकर प्यार की सौगात
आंख में आंसू दे गए
साजन मेरे मुझसे मेरा
चैन ओ' करार ले गए
हवाओं को दी आजादी
मेरे ख्वाब बंधक कर गए
प्रीत-रीत की दे दुहाई
मासूम दिल हमारा ले गए
नेह की है बदली छाई
मनाकाश पर कजरारी
घन गर्जन सी धड़कनों
की सौगात प्रियतम दे गए
रातों की तन्हाई में सजा
मदहोश ख्वाबों का बाजार
सिरहानों को रात भर जागने
की नशीली सजा साजन दे गए
मिली निगाहें जब से निगाहों से
उतर कर रुह रुह में संवर गई
तन मन की सुध नहीं रही मुझे
रुहानी सफर पर मितवा मुझे ले गए
देकर प्यार की ................
डा.नीलम
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