कालिका प्रसाद सेमवाल

 *हे माँ शारदे तेरा गुणगान करुं*

★★★★★★★★★★

{ }मां शारदे मैं तेरी नित वंदना करुं,

मां अनेकता में एकता का विश्वास भर।


{ }वीणा के झंकार ऐसी भर दे,

विद्या के दान से झोली मेरी भर दे।


{ }दीन दुखियों की सेवा सदा करुं,

दृढता से कर्तव्य का पालन करुं।


{ }सुख समृद्धि व संस्कृति से भर दे,

प्रेम सबसे करुं छोटा या बड़ा हो।


{ }मां मगल मन मेरा कर दो,

हे मां ज्ञान की ज्योति से भर दो।


{ }उर में आकर बसो स्वप्न साकार कर दो,

हे मां शारदे मुझे ज्ञान दीजिये।


{ }तेरी कृपा मुझ पर हमेशा रहे,

चरणों में बैठ कर नित तेरी. वंदना करता रहूं।

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कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रुद्रप्रयाग उत्तराखंड

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