नूतन लाल साहू

 जीवन में प्रेम ही सार है


बड़े खुश नसीब होते हैं वो

जिनके अहसासो को महसूस करता है कोई

जैसे हमने पाई दुनिया

आओ उससे कुछ बेहतर करे

जल रहा था जिस अग्नि में

जन्म से लेकर निरंतर

पल भर में ही बुझा दी

बूंद आंसू की गिराकर उसने

बड़े खुश नसीब होते हैं वो

जिनके अहसासो को महसूस करता है कोई

जग में कहां कहां न फिरा

दिमाक दिल टटोलते टटोलते

ऐसा कोई इंसान नहीं मिला

जो उम्मीद छोड़कर जिया

कौन कहता है कि स्वप्नों को

न आने दें हृदय में

देखते सब मनुष्य है इन्हे

अपनी उमर में अपने हिसाब से

पर इस बात का है हर्ष कि

बड़े खुश नसीब होते हैं वो

जिनके अहसासो को महसूस करता है कोई

समय दुहराता नहीं यह

स्नेह का उपहार

परहित किसी की प्रतिज्ञा हो तो

सुधामयी बन जाती हैं

जीवन में प्रेम अजर,प्रेम अमर है

मत भूलो ढाई अक्षर के प्रेम को

बड़े खुश नसीब होते हैं वो

जिनके अहसासो को महसूस करता है कोई

नूतन लाल साहू

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