*राम बाण🏹* बोल बचपन😄
212 212 212 212
कर रहे हैं गजब बोल बानी यहाँ।
सूरमा खुद बने हैं जुबानी यहाँ।।
आप अपनी कहें हम हमारी कहें।
कौन सुनता किसे क्या कहानी यहाँ।।
आज नेता मिले हैं विरासत लिये।
हुक्म उनके चले खानदानी यहाँ ।।
बोलते कुछ नहीं पर बोलते हैं कहीं।
बोल बचपन दिलाती,नदानी यहाँ।।
जब सियासत उन्हें बंद होती दिखे।
याद आती उन्हें आज नानी यहाँ।।
राम कहते तुम्हें जाग जाओ जरा।
आम जनता तुम्हें अब जगानी यहाँ।।
डॉ. रामकुमार चतुर्वेदी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें