😌 हठधर्मिता किसानों की 😌
हठधर्मी होते नहीं,
माने आप किसान।
ये तो हैं वो लोग जो,
औरों के यजमान।
इनका मकसद एक है,
बढ़ पाए मत देश।
जो विकास को रोक दे,
लाऍ॑ वही नरेश।
जो किसान वो कर रहा,
निज़ खेतों में काम।
ये किसान के नाम पर,
लफड़े करें तमाम।
साथी इनके हैं वही,
जिन्हें न कोई काम।
लगा रहे नित आग वो,
करने नींद हराम।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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