सादगी
यह दुनिया है गोरख धंधा
भेद समझता है कोई कोई बंदा
लख चौरासी में भरमाया
मुश्किल से यह नर तन पाया
सादा जीवन उच्च विचार
क्यों विषयों में मन को लगाया
सादगी है कुदरती खूबसूरती
पाप कटेंगे क्षण भर में भारी
प्राणी है तू भोला भाला
माया का है खेल निराला
आयेगी जब काल की बारी
खुल जायेगी पोल तुम्हारी
चाहता है जो परम सुख तो
राम रसायन का पी लें घोल
सादगी है कुदरती खूबसूरती
पाप कटेंगे क्षण भर में भारी
तू बोल मीठे वचन तो
सुख उपजत चहुं ओर
वशीकरण एक मंत्र है
तजि दे वचन कठोर
जो खूब अकड़ कर चलते थे
वो आज फिरत है मारे मारे
बिना ज्ञान हर कोई धोखा ही खाया
माया के नशे में अपना जीवन गंवाया
मन में तृप्ति आने लगी तो
बजने लगेगी बधाई
सागर से भी बुझ न पाया
कभी किसी का प्यास
सादगी है कुदरती खूबसूरती
पाप कटेंगे क्षण भर में भारी
नूतन लाल साहू
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पहचान
जो सुख में साथ दे
वो रिश्ते होते हैं
और जो दुःख में साथ दे
वो फ़रिश्ते होते हैं
बांट ले ज्ञान के हीरे मोती
तेरा वाणी सत्य पावन है
अगर हो गई निज से पहचान
तो बढ़ जायेगी,जीवन की शान
उसका जीवन भी जीवन है क्या
जो सबके लिए ना जिया
उसका मरना भी मरना है क्या
जो जीते जी मृतक समान हैं
इस जीवन का मतलब भी
प्रेम की बोली और परोपकार है
जो सुख में साथ दे
वो रिश्ते होते हैं
और जो दुःख में साथ दे
वो फ़रिश्ते होते हैं
लाख भौतिक सुख हो तो क्या हुआ
अगर ज्ञान की ज्योति नहीं है
ब्रम्ह ज्ञान में बड़ी शक्ति है
ज्ञान सुन ले घड़ी दो घड़ी
प्रेम स्वरूप है हम
ज्ञान स्वरूप है मन
जो अपने आप को जान गया
समझो भवसागर से पार हो गया
जो सुख में साथ दे
वो रिश्ते होते हैं
और जो दुःख में साथ दे
वो फ़रिश्ते होते हैं
नूतन लाल साहू
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