*प्यार में...*
प्यार में मैं बह गया।
आप का ही हो गया।।
अब निकलना कठिन है।
आप में ही खो गया।।
अब बताओ क्या करें?
आप का दिल हो गया।।
अब बचा क्या पास में ?
आप का सब हो गया।।
यह फकीरी राह है।
काम पूरा हो गया।।
काम में अनुराग है।
प्रेम मन से हो गया।।
अब भटकना है नहीं।
दीप प्रज्ज्वल हो गया।।
मस्त हो कर मचलना। नाम अच्छा हो गया।।
बह गया मधु सिंधु में।
मधुर रस सा हो गया।।
डॉ० रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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