कान्हा स्तुति
13.12.2020
कान्हा मुरली निराली है
बजती मधुर मधुर
मन को भा जाती है
कभी बन राधा झूमें
कभी मीरा बन जाती है ।
मोर मुकुट सिर पर है
गले वैजयंती माला है
छवि कुंडल की प्यारी
करधनी कटि न्यारी है ।
कमल नयन प्रभु तुम
मन सबका मोह लिया
प्रेम पढा सबको
गीता का ज्ञान दिया ।
जब धर्म युद्ध हो खड़ा
तब कोई नहीं किसी का
कर सत्य को तू धारण
बस राह बना सबका ।
राधा ने नाम लिया
राधा कृष्ण बना
मुरली पुकारे राधा
मीरा ने नाम जपा ।
प्रभु भव से हमें तारो
ये जीवन भार बना
जो जपते नाम तेरा
उन्हें जीवन उल्लास मिला ।
स्वरचित
निशा अतुल्य
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