मुहब्बत हो गई हो तो उसे पाना जरूरी है।
जहां के सामने भी पेश करवाना जरूरी है।
******
किसी से भूल हो जाय तो माफ़ी मांग ले फौरन।
छिपाने की नहीं है बात बतलाना जरूरी है।
******
चलेगा काल का चक्कर पता तुमको नहीं होगा।
तो पहले कर्म अपने साफ करवाना जरूरी है।
******
किसी मन्दिर से कम होता नहीं घर और आंगन भी।
तो इसमें प्रेम के पत्थर भी लगवाना जरूरी है।
******
अगर ठोकर लगे उनको तो बच्चों को नहीं डांटो।
उन्हें बस प्यार देकर खूब सहलाना जरूरी है।
******
नहीं भाए सुनीता को नज़ारा दूर से करना।
कि बांके को बुलाकर पास बैठाना जरुरी है।
******
सुनीता असीम
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें