पेड़ लगाकर धरती सजाओ
********************* आधुनिकता के नाम से
बंजर बना दी धरती मां
पेड़ो को काट दिया है
और बसा दिये है शहर
नष्ट कर दिये है बाग बगीचे
कर दी है धरती को बंजर
पेड़ लगाकर धरती सजाओ।
पेडों से धरती मां
कितनी सुन्दर लगती है
अब हरियाली की जगह
कंकरीट के जंगल है
इस धरा को बचाओ
करनी है वसुधा की रक्षा
पेड़ लगाकर धरती सजाओ।
होड़ लगी है विकास की
हरी घास की जगह
बिछ गये है रंगीन गलीचे,
हरियाली को देखने के लिये
तरस रही है हमारी आंखें
धरती पर हरियाली लाओ
पेड़ लगाकर धरती सजाओ।
अपनी खुशहाली के लिए
धरती मां को नोच रहे है
वृक्षों से धरती मां सजती
हरी भरी धरती का
चीर हरण क्यों करते हो
अब इस बसुन्धरा को बचाओ
पेड़ लगाकर धरती सजा़ओ।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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