वन्दना
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हे मां शारदे
तेरे द्वार पर आया हूँ मां
तेरे चरणों में आज पड़ा हूँ
ज्ञान का उपहार दे मां।
हे ज्ञानदायिनी ज्ञान से वर दे
करुणामयी मां अज्ञान को हर दे
ज्योति ज्ञान की जला कर मां
जीवन में मां उत्साह भर दे।
हृदय वीणा को हमारी
नित नवल झंकार दे मां
साधना आराधना का मां
तू हमें ये अधिकार दे दो।
शरण में मां तुम्हारी मैं आया
दीजिए हे मां बुद्धि -विवेक
नित्य ही तेरा ध्यान करो मां
बस तेरा ही गुणगान करो मां।
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कालिका प्रसाद सेमवाल
मानस सदन अपर बाजार
रुद्रप्रयाग उत्तराखंड
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