डॉ.राम कुमार झा निकुंज

 दिनांकः २५-१२-२०२०

दिवसः शुक्रवार

विधाःकविता (गीत)

विषयः नववर्ष अटल 

शीर्षकः ❤️प्रीति मधुर नवनीत उदय🌅


पावन      मोक्षदा    एकादशी,

तुलसी  पूजन  पुण्य दिवस है।

अवतरण दिवस प्रभु यीशू का,

अटल खुशी उल्लास दिवस है।


आंग्ल   नूतन वर्ष  सुखमय हो,

जगदीश्वर शिव विष्णु सदय हों,

हो   जगत्पिता   मंगल   वर्षण,

नव शक्ति कृपा घर खुशियाँ हो।


नित सत्य शिवम सुन्दर मन हो,

लक्ष्य  अटल नित मंगलमय हो,

सिद्धान्त  सदा  सत्कर्म  अटल,

स्व विश्वास   निर्भीत  सबल हो।


निर्भेद  नीति  सद्भाव  हृदय  हो,

सहयोग  परस्पर मीत  सदय हो,

कर्तव्य निष्ठ   जन     भारतमय,

प्रीति मधुर  नवनीत   उदय   हो।


शुभ दिन  सुभग नित  हर्षित हो,

संकल्प  अटल  प्रगतिपरक  हो,

हो  अन्नपूर्ण   सब   गेह   वसन, 

जीविका   देय  नित  शिक्षा  हो।


रोग   शोक   आतंक  विरत  हो,

किसान मुदित  जय  जवान  हो,

विज्ञानपरक   चहुँदिक  विकास,

मुस्कान  सरस शुभ प्रकाश  हो। 


नव विहान    नववर्ष  अटल  हो,

पौरुष   बल  सौहार्द्र   साथ  हो,

मानवता   रक्षण  नैतिक    पथ,

पूरी   वसुधा  मन   कुटुम्ब   हो। 


क्षमा दया  शरणागत    मन  हो,

करुणा  ममता  भाव विमल हो,

परमार्थ   निरत  जन  सेवा मन,

बलिदान  वतन  तन  अर्पण हो। 


दीनार्त  क्षुधित  तृषार्त   न   हो,

न स्वतंत्र वतन  सत्ता सुख   हो,

निर्भीत   सबल  बेटी   शिक्षित,

नवशक्ति  पूज्य   नारी  जग हो। 


पिकगान मधुर   समरसता   हो,

मधुप  माधवी शान्ति  प्रदा    हो,

सुखद समुन्नत प्रमुदित जग मन,

विधिरेख श्रीश  शिव  सुन्दर  हो।


शुभकाम    हृदय   वर्धापन   हो,

नववर्ष अरुणिमा  मधुरिम     हो,

निर्माण      राष्ट्र    कल्याण  सर्व,

गूंजित  निकुंज पशु    विहंग  हो।


राष्ट्रवादी कवि✍️ 

डॉ.राम कुमार झा "निकुंज'

रचनाः मौलिक (स्वरचित)

नवदिल्ली

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