"काव्य रंगोली परिवार से देश-विदेश के कलमकार जुड़े हुए हैं जो अपनी स्वयं की लिखी हुई रचनाओं में कविता/कहानी/दोहा/छन्द आदि को व्हाट्स ऐप और अन्य सोशल साइट्स के माध्यम से प्रकाशन हेतु प्रेषित करते हैं। उन कलमकारों के द्वारा भेजी गयी रचनाएं काव्य रंगोली के पोर्टल/वेब पेज पर प्रकाशित की जाती हैं उससे सम्बन्धित किसी भी प्रकार का कोई विवाद होता है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी उस कलमकार की होगी। जिससे काव्य रंगोली परिवार/एडमिन का किसी भी प्रकार से कोई लेना-देना नहीं है न कभी होगा।" सादर धन्यवाद।
राजेंद्र रायपुरी
😄 गुज़ारिश नये साल से 😄
आओ आओ, जल्दी आओ।
नए साल तुम खुशियाॅ॑ लाओ।
बैठे हैं सब इंतजार में,
और नहीं तुम देर लगाओ।
आशा सबकी जब आओगे,
खुशियाॅ॑ ढेर साथ लाओगे।
विपदा ये जो सता रही है,
उसे दूर तुम कर पाओगे।
साॅ॑स चैन की लेंगे सारे।
रही न विपदा पास हमारे।
गूॅ॑जेंगे फिर जग में मानो,
नए साल के ही जयकारे।
अगवानी को आतुर हम हैं।
दिन भी बचे बहुत अब कम हैं।
आ जाओ तुम जल्दी भाई।
बीसे की हो सके बिदाई।
इसने तो है खूब सताया।
नहीं किसी को जग में भाया।
कैसे भाता तुम ही बोलो,
साथ यही था विपदा लाया।
।। राजेंद्र रायपुरी।।
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