*प्रेम के गीत*
और प्रेम गीत कुछ लिखना
मुस्काते ही गाते रहना
चलते रहना प्रेम पंथ पर
हँसते-गाते सब कुछ कहना।।
केवल प्रेम-पत्र बस लिखना
अँगड़ाई ले खूब मचलना
लिख दो सबकुछ मन में जो हो
खूब थिरकना खूब चहकना।
लिखते रहना उछल-कूदकर
सहज उकेरो फुदुक-फुदुक कर
स्याही से रंग देना कागज
लिये लेखनी नाच-नाच कर ।
डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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