राजेंद्र रायपुरी

 😊  बढ़ते जाओ धीरे-धीरे  😊


कदम  बढ़ाओ  धीरे - धीरे।

  चलते   जाओ  धीरे -  धीरे। 

    मिल जाएगी तुमको मंज़िल,

       बढ़ते   जाओ   धीरे - धीरे।


जल्दी बाजी मत करना तुम।

  कठिनाई  से  मत डरना तुम।

    दुश्मन  यही  सफलता के  हैं,

      साथी इनका  मत बनना तुम।


व्यथित नहीं  होना  है तुमको।

  चकित  नहीं होना  है  तुमको।

    सह   कर  राहों  की  हर  पीरें।

      बढ़ते     जाओ       धीरे-धीरे।


बाधाओं   से   नहीं   डरे  जो।

  कठिनाई   को   पार  करे  जो।

    वही  शिखर  पर  है  चढ़ पाता,

      लक्ष्य सदा निज़ ध्यान धरे जो।


लक्ष्य बिना कुछ हासिल हो ना।

  चाहे    कंकड़   हों    या    हीरे।

    लक्ष्य  बनाकर  जीवन का तुम,

       बढ़ते     जाओ      धीरे - धीरे।


नया   जमाना   तंत्र   नया   है।

  बढ़ने   का   हर   मंत्र  नया  है।

    उसे   सीख   आगे   बढ़ना   है।

      गढ़ने   का   जो   यंत्र   नया  है।


छोड़    पुराना   नए    ढंग    से, 

  खींचो  तुम  कुछ   नई   लकीरें।

    उन्हें  मानकर  लक्ष्य  नया   तुम,

      बढ़ते      जाओ       धीरे - धीरे।


             ।। राजेंद्र रायपुरी।।

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