एस के कपूर श्री हंस

 *।।रचना शीर्षक।।*

*।।हर क्षण,हर पल जीवन को*

*अच्छा आप     बनाते   चलें।।*


जिन्दगी का साथआप बस

हमेशा     निभाते    चलिये।

हर घड़ी जीवन को बढ़िया

आप        बनाते     चलिये।।

अशांति और क्लेश जीवन

में कभी  न कर पाएं प्रवेश।

क्षमा गुण     से     समस्या 

हर आप  सुलझाते  चलिये।।


सीखिये लहरों से     गिरना

भी      और      फिर उठना।

सीखिये सदा अच्छा सच्चा 

बोलना    और फिर  सुनना।।

सरल विनम्र  शांत बने  कि 

यह  ही है    जीवन प्रबंधन।

सीखियेअनुभव से सीखना

और उसको  फिर     गुनना।।


नाकामी की उतार कर जोश

की इक      चादर    ओढ़ लें।

भरे आग सीने के अंदर और

घोर      निराशा     छोड़   दें।।

परिस्तिथि कैसी भी   हो मन

स्तिथि      न    बिगड़े  कभी।

और हाँ, मैं से हम   की  ओर

राह          अपनी    मोड़  लें।।


जान लें कि  अच्छे   व्यवहार

का वैसे कोई       मूल्य  नहीं।

कोई भी अन्य सद्गुण  इसके

जैसे है       तुल्य           नहीं।।

सुंदर वाणी में क्षमता  है सारे

दिलों   को     जीतने       की।

ये है सारांश  कोई अन्य पूंजी

व्यक्तित्व जैसे   अमूल्य  नहीं।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*

*बरेली।।।*

मोब।।           9897071046

                    8218685464

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