एस के कपूर श्री हंस

 *।।रचना शीर्षक।।*

*जीवन में ही छिपी जीत की*

*तजवीज़ है।।*


मत खेलो जीवन से तुम कि

ये बड़ी   अनमोल   चीज है।

सितारों से आगे   जा  सको

बताती ये  वह  तजवीज़  है।।

बस अपने   आप से   कभी

भी मत         हारना     तुम।

जीत कर    ही  आयो   तुम

जिन्दगी वह   तावीज     है।।


कोशिश करो कभी बिखरो

तो    कभी   संवर  जायोगे।

होता यही है   कभी डूबोगे

तो कभी    उबर    आओगे।।

याद रखो  कि   कर्म  कभी

निष्फल    नहीं     होता  है।

रह जायेगी  कमी  कभी तो

कभी जरूर    सुधर  पयोगे।।


मन में भरा  मैल जीवन को

भी  नरक     बना    देता है।

दृढ़ संकल्प हर जीवन स्वप्न

को  साकार   बना   देता  है।।

हर स्तिथि में जोशऔर होश

का संतुलन है बहुत  जरूरी।

जो लेता विश्वास से काम वो

निश्चय  आकार बना लेता है।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*

*बरेली।।*

मोब।।।          9897071046

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