डॉ०रामबली मिश्र

 नियम बनाओ  (तिकोनिया छंद)


नियम बनाओ,

चलते जाओ।

सबक सिखाओ।।


नियम सुखद हो,

सहमति से हो।

सदा शुभद हो।।


एक सूत हो,

सब सपूत हों।

सब अच्युत हों।।


नियम बनेगा,

सदा रहेगा।

जग सुधरेगा।।


नियम चलेगा,

प्रेम खिलेगा।

कलह मिटेगा।।


नियम नियामक,

व्यक्ति सुधारक।

कष्ट निवारक।।


रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

9838453801

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