एस के कपूर श्री हंस

 *।।रचना शीर्षक।।*

*।।प्रभु में विश्वास रखो।।जीवन*

*में आस रखो।।*


मत ढूंढता घूम तू प्रभु को बस

पूजा श्लोक स्तुति में।

मिलेगा ईश्वर तुझको प्रेम स्नेह

और   सहानुभूति में।।

झूठ की रफ्तार तेज   पर  सच

ही जाता मंजिल को।

भगवान रचा बसा है  दर्द  और

संवेदना अनुभूति में।।


संसार में   कोई  भी कर्म  व्यर्थ

नहीं      जाता       है।

व्यक्ति   वांछित फल  जरूर ही

यहाँ      पाता        है।।

निस्वार्थ निष्काम सेवा से प्राप्त

होती मानसिक संतुष्टि।

सच्चा वास्तविक आनंद मनुष्य

को   तभी   आता   है।।


यह जिंदगी रोज़ ही कुछ अजब

खेल    दिखाती    है।

कभी दुःखों के पास और  कभी

दूर      कराती      है।।

पर जो आस्था रखते  प्रभु    पर

और विश्वास खुद में।

जिंदगी हर दिन उन्हें कुछ   नया

अच्छा   सिखाती है।।


*रचयिता।।एस के कपूर श्री हंस

*बरेली।।*

मोब।।।           9897071046

                      8218685464

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