एस के कपूर श्री हंस

 *।।रचना शीर्षक।।*

*।।सफल जीवन के कुछ सिद्ध मन्त्र।।*


मन से       करो  कोशिश तो जीत

का उपहार मिलता है।

ना भी मिल      पाए  तो   अनुभव

का आधार मिलता है।।

दिल में कसक     नहीं रह   जाती

है प्रयत्न न करने की।

कुछ भी हो परिणाम शांति संतोष

सुख करार मिलता है।।


प्रारब्ध भरोसे छोड़    नहीं सकते

कर्म   बहुत   जरूरी   है।

अंतिम सीमा तक      करो प्रयास

ऐसी भी क्या मजबूरी है।।

संतोष का अर्थ    कदापि  प्रयत्न

ना    करना   नहीं होता।

आलोचना से मत    डरो  मिलती

इससे शक्ति भरपूरी है।।


दुःख को भी मानो   सच्चा साथी

खूब सबक सिखाता है।

जब होता यह विदा   तो सुख ही

देकर        जाता     है।।

जीवन काँटों वाला   फूल     पर

खूबसूरती की कमी नहीं।

प्रेम से बलशाली   कुछ नहीं यह

सब को ही झुकाता है।।


झूठ में आकर्षण होता पर  इसके

पाँव    नहीं   होते    हैं।

सत्य में होती    स्थिरता      इसमें

दाँव    नहीं    होते     हैं।।

शब्द के भाव से ही     मन्त्र    या

गाली   जाती      है बन।

जीवन पूर्ण सफल ना बनता जब

तक धूप छाँव नहीं होते हैं।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"।।*

*बरेली।।*

मोब।।            9897071046

                     8218685464



।।रचना शीर्षक।।*

*।।मत हारो मन तो जीत पक्की*

*हो जाती है।।*


दीपक बोलकर नहीं प्रकाश 

से परिचय  देता है।

चेहरा नहीं चरित्र ही  व्यक्ति 

को    लय   देता   है।।

न हारने का वादा   जो  कर    

लेते     जिंदगी     से।      

कर्म में करते  विश्वास    यही

अंतिम विजय देता है।।


कोशिश रखें जारी  जब  तक

जीत   न मिल      जाये।

निरंतरअभ्यास करो कि फूल

आशा का न खिल जाये।।

हर समस्या   आती है  जीवन

में     समाधान     लेकर।

करते रहें प्रयत्न जब तक राह

का पत्थर न हिल जाये।।


दृढ़ इच्छाशक्ति के सामने हार

हक्की बक्की हो जाती है।

मन से मत हारो तो   सफलता

पक्की हो    ही जाती है।।

आत्मविश्वास से  लिखा जाता

है जीत    का   इतिहास।

जो ठान लेते हैं इरादा तो   हर

बाधा नक्की हो जाती है।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*

*बरेली।।।*

मोब।।           9897071046

                    8218685464

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