नहीं मिला
देने वाला देगा इतना
जितना तुझको चाहिए
सुख हो या हो दुख सुनले
बंदे तेरे ही है ये साथी ।
नही मिला वो जीवन में
जिसकी जरूरत हमें नही
देने वाला देता इतना
भर ले तू अपनी झोली ।
मांगे से तो भीख मिले ना
बिन मांगे मोती चुन ले
ये तो तेरा भाग्य है बंदे
इसको तू मन में गुन ले ।
सागर भरा हुआ मोती से
सबको कहाँ मिल पाता है
सौ सौ डुबकी कोई लगाए
तब जीवन रस पाता है ।
सब कुछ मिलता इस जीवन में
जो चाह न मन में रखता है
बह चलो बस उस धारा में
जिसमें जीवन बहता है ।
स्वरचित
निशा अतुल्य
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