कालिका प्रसाद सेमवाल

 *कुशल शिक्षक*

**************

शिक्षक के लिये सब बच्चे पौध समान,

 रखना है सब बच्चों का ध्यान,

ऐसा करे शिक्षक  अपना आचरण,

बच्चा करे शिक्षक का अनुशरण।


बच्चों का दिल अति कोमल होता है,

जैसा चाहो उन्हे  बना  लो,

बच्चों का दिल कभी भी न टूटे ,

 रखना है शिक्षक को इसका ध्यान।


अपनी गरिमा शिक्षक बनाये ,

फिर बच्चों को कक्षा  शिक्षण कराये,

प्यार- प्रेम और गतिविधि से पढ़ाये,

तभी वह उत्कृष्ट शिक्षक कहलाये।


निर्मल हृदय होता है बच्चों का,

उन्हें योग्य और परिश्रमी बनाओ,

अवगुणों उन में न रहे कोई

शिक्षक उच्च आचरण हमेशा बनाये।


किसमें कैसी कितनी प्रतिभा है,

करनी है शिक्षक को इसकी पहिचान,

सुचिता  का शिक्षक  दीप  जलाए,

तब बच्चों को शिक्षण कराये।


बदल रहा परिवेश देश का,

बदलनी होगी अब अपनी सोच,

है उच्च चरित्र यदि   आपका,

 शिष्य  भी निर्मल बन जाता है।


प्रारंभिक कक्षाओं का शिक्षण,

स्थानीय भाषा में ही कराये,

जो शिक्षक बच्चों का मनोबल बढ़ायें,

वही  योग्य कुशल शिक्षक कहलाये।

******************

कालिका प्रसाद सेमवाल

मानस सदन अपर बाजार

रुद्रप्रयाग उत्तराखंड

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...