डॉ0 हरि नाथ मिश्र

 *लेखनी के यशस्वी पुजारी*

कालिदास की उपमा उत्तम,बाणभट्ट की भाषा,

तुलसी-सूर-कबीर ने गढ़ दी,भक्ति-भाव-परिभाषा।

मीर व ग़ालिब की गज़लों सँग,मीरा के पद सारे-

"प्रेम सार है जीवन का",कह,ऐसी दिए दिलासा।।

                      बाणभट्ट की.........।।

सूत्र व्याकरण के सब साधे,अपने ऋषिवर पाणिनि,

वाल्मीकि,कवि माघ सकल गुण, पद-लालित्य में दण्डिनि।

कण्व-कणाद-व्यास ऋषि साधक,दे संदेश अनूठा-

ज्ञान-प्रकाश-पुंज कर विगसित,हर ली सकल निराशा।।

                   बाणभट्ट की.............।।

गुरु बशिष्ठ,ऋषि गौतम-कौशिक,मानव-मूल्य सँवारे,

औषधि-ज्ञानी श्रेष्ठ पतंजलि,रोग-ग्रसित जन तारे।

ऋषि द्वैपायन-पैल-पराशर,कश्यप-धौम्य व वाम-

सबने मिलकर धर्म-कर्म से,जीवन-मूल्य तराशा।।

                बाणभट्ट की.............।।

श्रीराम-कृष्ण,महावीर-बुद्ध थे,पुरुष अलौकिक भारी,

महि-अघ-भार दूर करने को,आए जग तन धारी।

करके दलन सभी दानव का,ये महामानव मित्रों-

कर गए ज्योतिर्मय यह जीवन,जला के दीपक आशा।।

              बाणभट्ट की...............।।

किए विवेकानंद विखंडित,सकल खेल-पाखंड,

जा विदेश में कर दिए क़ायम, भारत-मान अखंड।

श्रीअरविंदो ने भी करके,दर्शन का उद्घोष-

भ्रमित ज्ञान-पोषित-मन-जन की,दूर भगाया हताशा।।

              बाणभट्ट की...............।।

भारतेंदु हरिचंद्र हैं,हिंदी-कवि-कुल के गौरव,

उपन्यास-सम्राट,प्रेम ने दिया,कहानी को इक रव।

आचार्य शुक्ल,आचार्य हजारी,भाषा-मान बढ़ाए-

पंत-प्रसाद-निराला भी हैं,हिंदी-बाग-सुवासा।।

               बाणभट्ट की.............।।

यात्रा के साहित्य-पितामह,बहुभाषाविद राहुल,

बौद्ध-धर्म के अध्येता वे,पंडित महा थे काबिल।

सांकृत्यायन राहुल जी भी,ज्ञान-ध्वज फहराए-

ज्ञान-ज्योति-नव दीप जलाकर,दीप्त किए जिज्ञासा।।

            बाणभट्ट की............ ।।

गुप्त मैथिली-दिनकर-देवी,महावीर जी ज्ञानी,

सदानंद अज्ञेय प्रणेता-मुक्त छंद-विज्ञानी।

नीरज-बच्चन गीत-विधाता,सब जन को हैं प्यारे-

प्रखर लेखनी श्री मयंक की,अद्भुत वाग-विलासा।।

           बाणभट्ट की...............।।

नग़मा निग़ार चलचित्र-जगत के,सबने नाम किया है,

राही-हसरत-कैफ़ी-मजरुह ने,रौशन पटल किया है।

बख़्शी-अख़्तर-कवि प्रसून-अंजान सहित इंदीवर-

साहिर-शकील-गुलज़ार सभी ने,नूतन गीत तलाशा।।

         बाणभट्ट की................।।

धन्य धरा यह भारत है,जो जन्म दिया इन लोंगो को,

अध्यात्म-ध्यान,कर्तव्य-ज्ञान का,धर्म सिखाया लोंगो को।

ऋषि-मुनि-ज्ञानी-ध्यानी,सबने मान बढ़ाया माटी का-

"जीवन है अनमोल"तथ्य का,सबने किया खुलासा।।

            बाणभट्ट की............।।

                  

                  डॉ0हरि नाथ मिश्र

                  9919446372

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