डॉ० रामबली मिश्र

 छिपता नहीं है प्यार


छिपता नहीं है प्यार,

दीवाना मन कहता है।

मिलता नहीं है प्यार,

जमाना यह कहता है।

चलो करो इतबार,

स्वयं पर वन्दे।

मिलेगा इक दिन प्यार,

दीवाना दिल कहता है।

बनकर रहो स्वतंत्र,

छाया देना अति शीतल।

मिल जायेगा प्यार,

यह मेरा मन कहता है।

राग-द्वेष के पार,

उतर कर चलना सीखो।

देना सीखो प्यार,

बस यही प्यार  कहता है।

मिल जायेगा प्यार,

दीवाना दिल कहता है।


रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी

9838453801

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