नहीं जो बात पर अपनी अड़ा है।
वही ईमान से सुंदर बड़ा है।
*****
बशर के सामने हैं मुश्किलें बस।
रहा वो तान सीना पर खड़ा है।
*****
बचें ख़ारों से कैसे हम सभी अब।
ये जीना ज़िन्दगी भी इक कला है।
*****
नहीं है काटना तन्हा सफर भी।
यही उत्तर निगाहों ने दिया है।
*****
रसाई है मेरी तुझ तक कन्हैया।
नहीं छोड़े तू मुझको ये दुआ है।
*****
तुम्हें बातें कई दिल की सुनानी।
सफर अपना मुहब्बत का नया है।
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कन्हैया ने पुकारा है सुनीता।
वही मरहम वही दिल की दवा है।
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नहीं जो बात पर अपनी अड़ा है।
वही ईमान से सुंदर बड़ा है।
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बशर के सामने हैं मुश्किलें बस।
रहा वो तान सीना पर खड़ा है।
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बचें ख़ारों से कैसे हम सभी अब।
ये जीना ज़िन्दगी भी इक कला है।
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नहीं है काटना तन्हा सफर भी।
यही उत्तर निगाहों ने दिया है।
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रसाई है मेरी तुझ तक कन्हैया।
नहीं छोड़े तू मुझको ये दुआ है।
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तुम्हें बातें कई दिल की सुनानी।
सफर अपना मुहब्बत का नया है।
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कन्हैया ने पुकारा है सुनीता।
वही मरहम वही दिल की दवा है।
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सुनीता असीम
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