मेरे बंजर से दिल को आज तू आबाद रहने दे।
सुरक्षा को गुलों की एक तो सय्याद रहने दे।
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कोई करता नमस्ते है सलामी दे रहा कोई।
मेरे जुड़ते हुए हाथों को अब बेदाद रहने दे।
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खिली पहले कली दिल की मगर मुरझा गई जल्दी।
मेरे ऊसर हुए दिल को नहीं बर्बाद रहने दे।
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तुझे पूजूं तुझे मानूं मेरे मोहन मैं मरने तक।
मिलन तेरा मेरा हो जाय ये फरियाद रहने दे।
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दुखों से पार पाकर हो सुनीता से मिलन तेरा।
तो जख्मों को हवा दे और भी नाशाद़ रहने दे।
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सुनीता असीम
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