प्रेरणा परिवार" द्वारा चंद्र शेखर*
*आज़ाद जी को समर्पित मुक्तक*
*प्रतियोगिता।।08 01 2021 ।।*
चंद्रशेखर आजाद की गाथा तो
है आज भी प्रेरणा की कारण।
आज़ादी के लिए हंसते हंसते
अकाल मृत्यु की थी धारण।।
प्राण किये थे न्यौछावर और
वह हो गये शहीद देश पर।
ग़ुलामी में भी कभी नहीं
अंगेजों की वंदना चारण।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।।*
मोब।। 9897071046
8218685464
*।।दिल हमेशा दिल से ही जीता*
*जाता है।।*
हर हाल में जीवन की यह
जंग हमें जीतनी है।
जान लो कि जिंदगी दुःख
सुख के संग रीतनी है।।
रंग बेरंग हर ढंग मिलता है
इस एक जीवन में।
यही हो कोशिश न होकर
तंग उम्र ये बीतनी है।।
यही हो कोशिश हमारी कि
जुबां पर मीठे बोल रहें।
हों ऐसे कर्म कि जिन्दगी
में न यूँ कोई झोल रहे।।
गलतियां से और अनुभव
से सीखते रहें हमेशा।
अपनी जिम्मेदारियों से न
कदापि गोल रहें।।
त्रुटि से सीखे तो आदमी
सीढ़ी सा चढ़ता है।
गलत सही के निर्णय से
जरूर व्यक्ति बढ़ता है।।
जिद हो जीतने की तो कोई
स्तिथि हरा नहीं सकती।
बुद्धि विवेक से व्यक्ति सदा
डूबता नहीं तरता है।।
दुनिया पर तलवार और दिमाग
जीत दिलवाता है।
आपकाअपना कर्म इसी जीवन
में रंगअपना दिखलाता है।।
आपका हर शब्द बोल बात
छोड़ती है अपनी छाप।
जान लीजिए दिल हमेशा दिल
से ही जीता जाता है।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।।।*
मोब।।। 9897071046
8218685464
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें