नूतन लाल साहू

 कामयाबी


कामयाबी सिर्फ,कदम बढ़ाने से

नहीं मिलती

सोच के दायरे भी

बढ़ाने पड़ते हैं

जितना कठिन संघर्ष होगा

जीत उतनी ही शानदार होगी।

कल की चिंता छोड़कर

करो आज की बात

तभी मिलेगी, आपको

कामयाबी की सौगात

जीवन के हर मोड़ पर

मिलते हैं,संत भी और राक्षस भी

जुदा भले हो,रास्ते

पर,मंजिल तो एक है

लाख करो,तुम अर्चना

पूजा तप और ध्यान

संकुचित मानसिकता वालो की इच्छा

पूरी नहीं करता है,भगवान

चाहे तो अपनी व्यवहार से

जांच लीजिए, आप

अगर किसी को,सांप ने काटा तो

मुमकिन है,वो बच जाय

पर,लालच और स्वार्थ ने डंसा तो

हरगिज बच न पाय

कामयाबी सिर्फ, कदम बढ़ाने से

नहीं मिलती

सोच के दायरे भी

बढ़ाने पड़ते हैं

जितना कठिन संघर्ष होगा

जीत उतना ही शानदार होगी।


नूतन लाल साहू


गणतंत्र दिवस


खोकर वीर सपूतों को

हमनें आजादी पाई है

भारत का संविधान बना

पर,भूल न जाना पीड़ा को

अमर रहे गणतंत्र दिवस

अमर रहे गणतंत्र दिवस

धर्म जुदा है, जाति जुदा है

पर, एक है भारत नेक है भारत

हमे मिटाना चाहे जो

वो खुद ही मिट जायेगा

अमर रहे गणतंत्र दिवस

अमर रहे गणतंत्र दिवस

हिमालय की बुलंदी से

सुनो आवाज आई है

तुम कौम की तकदीर हो

मालिक हो वतन के

अमर रहे गणतंत्र दिवस

अमर रहे गणतंत्र दिवस

तूफ़ानों और बादलों से भी

तिरंगा नही झुकेगा

कहता है,चक्र हम सबको

हमारा कदम नहीं रुकेगा

अमर रहे गणतंत्र दिवस

अमर रहे गणतंत्र दिवस

हम भांति भांति के पंछी है

पर बाग हमारा एक है

हम सब का प्राणों से प्यारा

हिन्दुस्तान हमारा है

खोकर वीर सपूतों को

हमने आजादी पाई है

भारत का संविधान बना

पर,भूल न जाना पीड़ा को

अमर रहे गणतंत्र दिवस

अमर रहे गणतंत्र दिवस


नूतन लाल साहू

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