नूतन लाल साहू

 यांदे


खूबसूरत सा एक पल

किस्सा बन जाता हैं

जाने कब कौन जिंदगी का

हिस्सा बन जाता हैं

कुछ लोग जिंदगी में

ऐसे मिलते हैं

जिनसे कभी ना टूटने वाला

रिश्ता बन जाता हैं

कितनी सांसे शेष है

कोई जान न पाया

कल क्या होगा,क्या पता

भविष्य है अनजान

विधि के अटल विधान को

कोई बदल न पाया

भेदभाव और उंच नींच की भावना

मत रख इंसान

सभी मानव के खून का रंग

होता है लाल

खूबसूरत सा एक पल

किस्सा बन जाता हैं

जाने कब कौन,जिंदगी का

हिस्सा बन जाता हैं

जीवन के हर मोड़ पर

मिलते हैं संत अनेक

जुदा भले हो रास्ते

पर,मंजिल है एक

रामायण पढ़ी,गीता पढ़ी

पढ़ लिया,वेद पुराण

पर जिसने भी,पढ़ा

ढाई अक्षर,प्रेम को

वहीं पंडित बन पाया है

कुछ लोग जिंदगी में

ऐसे मिलते हैं

जिनसे कभी ना टूटने वाला

रिश्ता बन जाता हैं


नूतन लाल साहू

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