प्यारा मीत (सजल)
मुझको प्यारा मीत चाहिये।
उर मोहक संगीत चाहिये।।
प्रिय भावों में मधुर लालिमा।
होठों पर मधु गीत चाहिये।।
कंचन काया पावन छाया।
प्रेम रसिक मनमीत चाहिये।।
मुझको पाने को हो विह्वल।
प्रेम कलश सा मीत चाहिये।।
मीत सहज हो बहुत छबीला।
उर प्रेरक अभिजीत चाहिये।।
मन में आकर सदा समाये।
गीतकार मधु गीत चाहिये।।
कभी न दो की रेखा खींचे।
ब्रह्म रूप रघुसीत चाहिये।।
पय सा स्वच्छ परम प्रिय निर्मल।
सुरभित नित नवनीत चाहिये।।
मेरा प्यारा अति खुशदिल हो।
मुस्कानों का मीत चाहिये।।
समझदार प्रिय शिव सदृश हो।
कल्याणी गुरुमीत चाहिये।।
साथ निभाये हर स्थिति में।
दिल लायक हममीत चाहिये।।
रचनाकार:डॉ०रामबली मिश्र हरिहरपुरी
9838453801
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