वैष्णवी पारसे

 गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ 


हम भारत के लोग 


हम भारत के लोग

मानवता हमारा धर्म 

दिल में हमारे अपनत्व 

जानते प्रेम का मर्म


त्याग हमारा गुण

भाव हमारे निर्मल 

स्नेह की बहती गंगा

मन से सदा निश्छल 


सभ्यता के हम धनी

विशाल हमारा मन

अपना किसी को कहते

करते सर्वस्व अर्पण 


प्रेम त्याग वत्सल 

बांटते सदा प्यार

भूखा न कोई जाता

आए अगर द्वार


विश्व पटल पे गूंजती

सदा हमारी संस्कृति 

कहते जो वही करते

ऐसी हमारी प्रकृति 


प्यारा हमारा भारत

भगवा हमारी शान

हर दिल में तिरंगा 

हर नजर में सम्मान 


जब तक जियेंगे

एकता के साथ रहेंगे 

भारत माता की जय

पल पल कहेंगे


हैं बस इतनी आस

दामन तेरा हो हाथ

अगर दुबार जन्में

भारत माँ तेरा हो साथ


स्वरचित

वैष्णवी पारसे

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...