निशा अतुल्य

 जिंदगी न मिलेगी दोबारा

5.1.2021


कर ले बंदे काम कुछ न्यारे

लोग तुझे भी कुछ जाने प्यारे

जिंदगी न मिलेगी दोबारा

मन में विश्वास जगाले ।


छोड़ प्रपंच भेद भाव के 

सब जन को तू गले लगा ले ।

होगा सफल मिला जो जीवन 

प्रभु के गुण मन तू गा ले ।


बड़ी कृपा मात पिता की हम पर

सुन्दर जीवन जिनसे पाया 

नहीं उऋण हो सकते कभी गुरु जन से

जिन्होंने जीवन को सफल बनाया ।


प्रभु कृपा जान  मानव  तू स्वयं पर

जो उसने सुन्दर संसार दिखाया ।

कर जोड़ नमन प्रभु बारम्बारा तुम्हें 

राह जीवन की तुमने सुगम बनाया ।


कर परहित कर्म तन मन से 

जिंदगी न मिलेगी दोबारा ।

होगा भव से पार तभी मन 

जब मन में तूने प्रेम जगाया ।


कर ले सब वो कार्य मानव 

जिसके लिए दुनिया में आया 

राग, द्वेष ,मोह ,माया दे त्याग 

प्रभु ने जीवन दे उपकार कराया।


स्वरचित

निशा"अतुल्य"

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