हम आपके ही प्यार में लाचार हो गए।
दिल हार बैठे अपना औ बेकार हो गए।
******
अपना बना लो श्याम नहीं देर अब करो।
सांसों की आप माला के आधार हो गए।
******
चितचोर चोर आप हो इल्जाम दो हमें।
मासूम तुम बने हम खतावार हो गए।
******
नज़रे करम जो आपका मुझपर हुआ कभी।
तब स्वप्न मेरे सारे ही साकार हो गए।
******
देखा जो नेह दृष्टि से तुमने ओ माधवा।
उस वक्त से ही हम तेरे बीमार हो गए।
******
आसान तो नहीं कि भुला दें उन्हें कभी।
हम दास बन गए वो सरकार हो गए।
******
तुम बिन अधूरी आज सुनीता है सांवरे।
उसके लिए तो दर्श ही दरकार हो गए।
******
सुनीता असीम
२३/१/२०२१
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें