सुषमा दिक्षित शुक्ला

 ये मातृ भूमि का वन्दन है 


ये मातृभूमि का वंदन है अभिनंदन है । 

हम  सब तेरे रखवाले  मां,

ये माँ बच्चों का बंधन है।

 ये मातृभूमि का वन्दन है अभिनन्दन है ।

तेरी  आन न जाने पाये ,

तुझपे जान लुटा देंगे ।

तेरे चरणों में लाकर के ,

शत्रू शीश झुका देंगे ।

ये मातृभूमि का वन्दन  है अभिनंदन है ।

हम  सब तेरे रखवाले मां,

 ये मां बच्चों का बंधन है ।

चंदन जैसी तेरी ममता ,

 है रखनी  तेरी शान हमें ।

अगर जरूरत पड़ी वक्त पर,

 न्योछावर है  प्रान  तुम्हें  ।

ये मातृभूमि का वन्दन  है अभिनंदन है।

 हम सब तेरे रखवाले ,

मां ये मां बच्चों का बंधन है ।

मां तेरा क्रंदन असहनीय ,

ऐ! मातृभूमि तू प्यारी है ।

हम तेरे प्यारे बालक हैं,

 तू हम सब की फुलवारी है ।

ये मातृभूमि का वंदन है अभिनंदन है ।

हम सब तेरे रखवाले मां  ,

ये माँ बच्चों का बंधन है ।


सुषमा दिक्षित शुक्ला

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

अखिल विश्व काव्यरंगोली परिवार में आप का स्वागत है सीधे जुड़ने हेतु सम्पर्क करें 9919256950, 9450433511