जवान तुझे सलाम
हिमालय की बुलंदी से
सुनो आवाज आई है
सैकड़ों कुरबानियां देकर
हमने आजादी पाई है
हिन्दुस्तान की जवान,वो पत्थर है
जिसे दुश्मन,हिला नहीं सकते
अमन में,फूलों की डाली
जंग में,वो तलवार हैं
भारत मां की आजादी खातिर
खेली हैं,अपने खून की होली
हरदिन हरपल,शरहद पर खड़ा है
संतरी बन, सीना तान के
भारत मां के वीर सपूतों
जवान तुझे सलाम है
मिट जायेगा,जो टकरायेगा भारत मां से
यह वतन है,हिमालय के बेटों का
कहते हैं हम,ललकार के
दुश्मनों अब कदम रखना
जरा तुम संभाल के
आंधी आये या आये तूफान
हमें डरा नहीं सकता
नहीं झुकेगा सर,अब वतन का
हर जवानों की कसम है,हिन्दुस्तान का
भारत मां के वीर सपूतों
जवान तुझे सलाम है
सीना है,फौलाद सा
फूलों जैसा है,दिल
सुनकर गरज,जवानों की
सीने फट जाते हैं,चट्टानों का
सर कटा देते हैं, पर
न देंगे मिट्टी,वतन के
भारत मां के वीर सपूतों
जवान तुझे सलाम है
नूतन लाल साहू
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