एस के कपूर श्री हंस

हर किसी के दिल में घर एक

*बनाना सीखिये।।*


हर  दिल में तुम   इक  घर 

बनाना       सीखो।

किसी के दर्द में  तुम  दवा

बन जाना सीखो।।

ऊंची आवाज   नहीं ऊंची

बात   कहो   तुम।

वक्त रहते     सही   गलत

आजमाना सीखो।।


आँखों और दिल की जुबां

पढ़ना     सीखो।

बिना सीढ़ी के   तुम ऊपर

चढ़ना     सीखो।।

तुम्हारी  किस्मत  बनती है

प्रारब्ध    कर्म से।

अपना भाग्य  तुम  खुद ही

गढ़ना       सीखो।।


धारा के   विपरीत भी  तुम

चलना      सीखो।

संघर्ष अग्नि में तुम   तपना

गलना      सीखो।।

तेरे अंदर की क्षमता निकल

कर  आये  बाहर।

हो लाख  रुकावटें तुम आगे

बढ़ना      सीखो।।


विनम्र विनोदी सहयोगी तुम

बनना      सीखो।

हर काम  जीवन  में   धैर्य से

करना      सीखो।।

याद रखो  छवि  की उम्र तेरी

उम्र से होती ज्यादा।

हो बदनामी पहले उससे तुम

मरना       सीखो।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस*"

*बरेली।।*

मोब।।।           9897071046

                      8218685464



।।राष्ट्रीय बालिका दिवस 24 जन*

*पर रचना।।*

*।।घर में प्रेम और रौनक का रंग* 

*भरती है बेटियाँ।।*


पढ़ेंगी बेटियाँ   और आगे

बढ़ेंगी    बेटियाँ।

बराबर हक़ के    लिए भी

लड़ेंगी   बेटियाँ।।

बेटों से कमतर  कहीं नहीं

हैं बेटियाँ  हमारी।

हर ऊँची   सीढ़ी    पर भी

चढ़ेंगी    बेटियाँ।।


विश्व पटल परआज बेटियों

का खूब नाम है।

आज कर रही     दुनिया में

वह हर काम हैं।।

बेटी को जो देते  बेटों जैसा

प्यारऔर सम्मान।

अब  माता  पिता   कहलाते

वही महान      हैं।।


हर दुःख सुख   साथ     में    

संजोतीं  हैं बेटियाँ।

हर घर में प्रेम और   रौनक

बोती  हैं   बेटियाँ।।

बड़ी होकर करती सृष्टि की

रचना भी   नारी।

प्रभुकृपा बरसती वहीं जहाँ

होती हैं   बेटियाँ।।


*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*

*बरेली।।।*

मोब।।।         9897071046

                    8218685464

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