* सरस्वती वंदना *
करबद्ध करती प्रार्थना,
माँ शारदे की वन्दना।
हाथों में लेकर पुष्प में,
करती हूँ माता अर्चना।
हे !भारती वागीश्वरी,
करती हूँ मैं आराधना।
चित्राम्बरा वरदायिनी,
हे! श्रीप्रदा भुवनेश्वरी।
विद्या का हमको दान दो,
आशीष देकर ज्ञान दो।
न हो कभी पथ से विमुख,
सदमार्ग पर चलने में सुख।
हे !वरप्रदा श्वेतासना,
भगवती नमो हंसासना।
हे! वेद ज्ञान प्रदायिनी,
अज्ञान तिमिर विनाशिनी।
अपनी कृपा मुझ पर करो,
आई शरण में याचिका।
हंसवाहिनी पद्माक्षी माँ!
वाग्देवी माँ पद्मासना।
करबद्ध करती प्रार्थना,
माँ शारदे की वन्दना।
डॉ0 निर्मला शर्मा
दौसा राजस्थान
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