सत्य कथन
दुनिया में दान जैसी
कोई संपति नहीं है
लालच जैसा कोई और
रोग नहीं है
अच्छे स्वभाव जैसा कोई
आभूषण नहीं है
और संतोष जैसा
और कोई सुख नहीं है
शेष चीज का क्या पता
जग में निश्चित होगा या नहीं होगा
पर निश्चित है, एक दिन
सभी मानव का मृत्यु होगा
क्यों आया है तू,इस संसार में
इस रहस्य को,पहले जान
नहीं तो मिलती ही रहेंगी,वक्त से
जख्मों की सौगात
दुःख सुख तो मेहमान है
इक आयेगा इक जायेगा
कहते है,सब संत फकीर
जीवन एक सराय
जो करना है,आज कर
वक्त बहुत है,कम
टाइम टेबल प्रभु जी का
बदल सकय न कोय
तू तो अपना कर्म कर
काहे को घबराता है
माता पिता ही तो,साक्षात भगवान है
उनकी ही सेवा कर लें
भवसागर पार हो जायेगा
दुनिया में दान जैसी
कोई संपति नहीं है
लालच जैसा कोई और
रोग नहीं है
अच्छे स्वभाव जैसा कोई
आभूषण नहीं है
और संतोष जैसा
और कोई सुख नहीं है
नूतन लाल साहू
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