नूतन लाल साहू

 विश्वास


दुनिया का सबसे सुंदर पौधा

विश्वास होता है

जो जमीन में नहीं,दिलो में उगता है

उठ जाग मुसाफिर,भोर भई

अब रैन कहा, जो सोवत है

जो सोवत है,वो खोवत है

जो जागत है,सो पावत है

जो कल करना है,आज कर लें

जो आज करना है,वो अब कर लें

जब चिड़ियों ने चुग गया खेत तो

फिर पछतावे,क्या होवत है

कैसे बैठे हो,आलस में

तुमसे राम नाम कहा न जाय

जानकी नाथ सहाय करें तब

कौन बिगाड़ करे नर तेरा

दुनिया का सबसे सुंदर पौधा

विश्वास होता है

जो जमीन में नहीं,दिलो में उगता है

सोचत सोचत उमर बीत गई

काल, शीश मंडराय

लख चौरासी योनि भटक

बड़े भाग्य से,मानुष देह पाया है

डरते रहो कि यह जिंदगी

कहीं बेकार न हो जाये

मंजिल असल मुकाम की

तय करनी है, तुम्हें

राजा भी जायेगा,जोगी भी जायेगा

गुरु भी जायेगा,चेला भी जायेगा

माता पिता और भाई बन्धु भी जायेंगे

और जायेगा,रुपयों का थैला

जानकी नाथ सहाय करें तब

कौन बिगाड़ करै,नर तेरा

वो ही तो,भक्त जनों का संकट

क्षण में दूर करेगा

दुनिया का सबसे सुंदर पौधा

विश्वास होता है

जो जमीन में नहीं,दिलो में उगता है


नूतन लाल साहू

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