मूषक
7.2.2021
सुनो गणेश
लंबोदर विशाल
सवारी चूहा ।
मूषक राज
करते मनमानी
है अभिमानी
लड्डू भाता
ले हाथ बैठ जाता
तुम्ही विधाता ।
प्रथम पूज्या
रिद्धि सिद्धि ले संग
बुद्धि प्रदाता ।
रोली, चँदन
तेरे भाल सजाऊँ
दूर्वा चढ़ाऊँ ।
मूषक राज
अर्जी लगाओ मेरी
सुनो पुकार ।
स्वरचित
निशा"अतुल्य"
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