9920796787****रवि रश्मि 'अनुभूति '
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सपने सज गये
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छायी चहुँ दिशि उमंग तरंग , पी ली सभी ने जैसे भंग
सभी ऊर्जस्वित प्रेम रंग , लो सुनो अभी फाग के संग
बजे अब तो ढोल - मंजीरे , गूढ़ बात हो तेरी - मेरी
टोलियाँ सजी आयीं अब तो , बार - बार डालें ये फेरी
बोलें सभी प्रेम की बोली , , रहे गा फाग भी संग - संग .....
सभी ऊर्जस्वित प्रेम रंग , लो सुनो अभी फाग के संग .....
प्रेम - प्रीत की लगन लगी अब , सपने अपने गये अभी सज
बात भाईचारे की करें , फहरायें कामयाबी का ध्वज
ऐसी हो एकता हमारी , लोग रहेंगे अभी तो दंग .....
सभी ऊर्जस्वित प्रेम रंग , लो सुनो अभी फाग के संग .....
लुभाता है सौंदर्य हमको , गुनगुनाती जागती उमंग
सपने सज गये अंग रंग , बज रही लो कहीं जलतरंग
मिलन हो सजन से अब सबका , सपने सज गये प्रेमिल रंग .....
सभी ऊर्जस्वित प्रेम रंग , लो सुनो अभी फाग के रंग .....
छायी चहुँ दिशा उमंग तरंग , पी ली सभी ने जैसे भंग .....
सभी ऊर्जस्वित प्रेम संग , लो सुनो अभी फाग के रंग .....
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(C) रवि रश्मि 'अनुभूति '
21.2.2021 , 3:21 पीएम पर रचित ।
मुंबई ( महाराष्ट्र )
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🙏🙏समीक्षार्थ व संशोधनार्थ ।🌹🌹
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