*।।रचना शीर्षक।।*
*।। यह जीवन आज और बस इसी*
*पल में है।।*
यह जीवन आज और बस
इसी पल में है।
वह जीता नहीं जिन्दगी जो
रहता कल में है।।
ना राज ना नाराज़ जीवन
बसता बस आज में।
जो सोचता भविष्य की सदा
वो जीता छल में है।।
आज में ही आनन्द का हर
आभास लीजिए।
अच्छे कल की मत आज ही
आप आस कीजिए।।
यदि आज अच्छा है तो कल
खुद संवर जायेगा।
बस संबकोअच्छी भावना का
अहसास दीजिए।।
हर रोज़ जिन्दगी एक नया
आज देती है।
कर्म ही होती पूजा यही
आवाज़ देती है ।।
तेरा कल तेरे आज का ही
होता है सुफल।
रोज़ ही जिन्दगी संबको यही
आगाज़ देती है।।
कल की सोच कर जो हमेशा
दुःखी रहता है।
आज को भी खो कर नहीं वो
सुखी रहता है।।
जान लो बिना मेहनत निराशा
ही हाथ है लगती।
करे हर काम समझ के वो सदा
बहुमुखी रहता है।।
*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस*"
*बरेली।।*
मोब।। 9897071046
8218685464
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें