नूतन लाल साहू

 गूढ़ रहस्य


व्यक्ति क्या है

ये महत्वपूर्ण नहीं है

परन्तु व्यक्ति में क्या है

ये बहुत महत्वपूर्ण है

अंदर मन का खोल ताला

निज से पहचान हो जायेगा

वाणी सत्य और पावन हो तो

बढ़ गई,जीवन की शान समझो

जिसने भी छोड़ा,सुख दुःख का चिंतन

समझो,भगवान है उसके सनमुख

बांटे ज्ञान के हीरे मोती

इसमें कभी भी,कमी नहीं होती है

व्यक्ति क्या है

ये महत्वपूर्ण नहीं है

परन्तु व्यक्ति में क्या है

ये बहुत महत्वपूर्ण है

परदा दूर करे,आंखो का

भगवान से नाता जोड़

जग की ममता को जिन्होंने भी छोड़ा

भगवान का मिल जायेगा सहारा

सत्य नाम का प्याला,भर भर कर

खुद पीये और सबको पिलावे

सच कहता हूं,प्यारे

विषयो का विष मिट जाता है सारा

भक्ति बिना,प्रभु जी नहीं मिलता

मन का कष्ट,कभी नहीं टलता

मेरी तेरी के भरम,छोड़ दो

कण कण में,प्रभु जी नजर आयेगा

व्यक्ति क्या है

ये महत्वपूर्ण नहीं है

परन्तु, व्यक्ति में क्या है

ये बहुत महत्वपूर्ण है


नूतन लाल साहू

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