होली 2021

 हम किसी भी  त्योहार पर रोना नही रोना चाहते लेकिन कमर तोड़ महंगाई और पंचायत चुनाव के परिप्रेक्ष्य में चन्द लाइने देखे।


कमर तोड़ महंगाई मे, त्योहार मनाना मुश्किल है.

दुशमन बाँह गले मे डाले जान बचाना मुश्किल है,

खोया पहुचा आसमान,पकवान बनाना मुश्किल है.

दारू तौ है महँगी, अबकी भाँग पिलाना मुश्किल है;[२]

नेता अइहै द्वारे-द्वारे चाय पिलाना मुश्किल है.

गन्ना भी अनपेड बिका कपड़ा बनवाना मुश्किल है;[३]

विरह वेदना अगनित पीड़ा मिलन प्रीति का मुश्किल है. 

होली का त्योहार प्रीति की रीति निभाना मुश्किल है;[४]


आप सब का अपना ही ---आशुकवि नीरज अवस्थी 9919256950


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