सुंदरता निखारिए,सदाचरण से
धैर्यवान, व्यवहार कुशल
सहनशील व विवेकी बने
उच्च विचार एवं सुंदर विचार ही
व्यक्ति की सुंदरता है
अवगुण और बुरे कर्म
व्यक्ति की सुंदरता को
नष्ट कर देता है
व्यक्ति और समाज की भलाई
करने वाला इंसान
चाहे कुरूप हो या रूपवान
कोई फर्क नही पड़ता है
क्योंकि सभी व्यक्ति
अच्छे कामों का प्रशंसा करते है
मैं सच कहता हूं
इंसान के बुरे कर्म
व्यक्ति के सुंदरता को
ढक लेता है
व्यक्ति के गुणों अवगुणों का संबंध
उसके सुंदरता या कुरूपता से नहीं
बल्कि अच्छे और बुरे
विचारों और कर्मो से होता है
सोने के प्याले में यदि
विष भरा हो तो
उसे कोई पीना नहीं चाहेंगे
जबकि मिट्टी के प्याले में
अमृत हो तो
उसे सभी पीना चाहेंगे
धैर्यवान, व्यवहार कुशल
सहनशील व विवेकी बने
उच्च विचार एवं सुंदर विचार ही
व्यक्ति की सुंदरता है
अतः सुंदरता निखारिए
सदाचरण से
यही तो आत्म ज्ञान है
नूतन लाल साहू
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