वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश

 नाम      वंदना शर्मा   ।। विंदू।।


पति का नाम     रमेश चंद्र शर्मा


पिता स्वर्गीय कवि श्री कैलाश नारायण जी रावत


मां  श्रीमती सरोज देवी रावत


जन्म     8    अप्रैल


जिला   देवास   म . प्र.


प्रकाशन  विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में रचनाओ का प्रकाशन व सम्मान नईदुनिया मि लेख पत्र व रचनाएं  प्रकाशित

सम्मान  ऑनलाइन कवि सम्मेलन मैं पुरस्कृत

ऑनलाइन श्लोक वाचन

हिंदी साहित्य लहर

अग्निशिखा मंच

काव्य धारा

साहित्य वसुधा

श्री नवमान साहित्य सम्मान

शुभ संकल्प आदि में सम्मान प्राप्त हुआ है



व्यवसाय   हाउस वाइफ  रचनाकार  कवित्री

मालवी लोकगीत, वाह बुंदेली लोकगीत


विचारधारा   धार्मिक   राष्ट्रवादी



स्थाई पता   देवास जिला मध्य प्रदेश

52  सर्वोदय नगर देवास

  



      




पंछी


वो पंख कहां से लाऊं

मैं बन पंछी उड़ जाऊं


तोड़ के सब जंजीरों को

मैं स्वतंत्र हूं जाऊं


वो पंख कहां से लाऊं

मैं बन पंछी उड़ जाऊं


ना रोके  टोके  कोई

जब मैं पंख फैलाऊं


अपने मन में मस्त

मैं गीत खुशी के गांऊ


वो पंख कहां से लाऊं

मैं बन पंछी उड़ जाऊं


कभी डाल डाल 

कभी पात पात


कभी चहेक चहेक

मौजों को गले लगाऊं


वो पंख कहां से लाऊं

मैं बन पंछी उड़ जाऊं


डरती हूं इस दुनिया से

कहां कौन ताक में बैठा हो


मीठे बोल फेंक के दाना

जाल बिछाए बैठा हो


कौन है अपना कौन पराया

मुश्किल है पहचानना


अपना बनकर कसे शिकंजा

मुश्किल है इनसे बचना


वो पंख कहां से लाऊं

मैं बन पंछी उड़ जाऊं


वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश




मौसम


यूं ही नहीं मौसम बदलते हैं बार-बार

तुमसे मिलन को नैना झरते हैं बार-बार।


आंचल जो मेरा भीगे जैसे हुई बरसात

यूं ही नहीं मौसम बदलते हैं बार-बार।


सावन के पड़े झूले अमवा की डाल पे

लग रहे हैं मैंले तीज त्यौहार के


तुमसे मिलन की आस जो मन में जगी आज

उमड़ घूमड़ प्रेम ले  मन में हिलोरें।


जैसे बसंत आने का संदेश भेजते

यूं ही नहीं मौसम बदलते हैं बार-बार


तुम्हारे रंग में जब रंगने लगी में

सब रंग प्यारे लगने लगे अपने आप में


फागुन में रंग रहा हो जैसे तन मन मेरा

भीग रहा आंचल तुम्हारे रंग में।


ले रही अंगड़ाइयां उमंगे बार-बार

यूं ही नहीं मौसम बदलते हैं बार-बार



वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश   






गुड़िया


मैं माटी की गुड़िया

काची गार की पुड़िया।


मारो कोख में ना बाबा

मैं काची गार की पुड़िया।


भाग लिखवा के लाई में

जरा अपनाओ तो बाबा।


मैं माटी की गुड़िया

काची गार की पुड़िया।


नहीं मैं कम किसी से हूं

जरा आजमाओ तो बाबा।


नहीं बेटे से कम होती है

बेटियां जान जाओगे।


बेटा कुल का दीपक है

तो दो कुल तारती बिटिया।


करेगी नाम रोशन वो

जरा सा मान दो बाबा।


मैं माटी की गुड़िया

काची गार की पुड़िया

मैं माटी की गुड़िया।


वंदना शर्मा बिंदु

देवास मध्य प्रदेश।




रिश्ते


कुछ सुलझे कुछ उलझे, तुम संग मेरे रिश्ते

कुछ रह गए , अनसुलझे से रिश्ते ।


जीवन अगर मिला है पिता से,

तो पहचान हमको, मिली है तुम्हीं से।


कुछ खट्टे कुछ मीठे, तुम संग मेरे रिश्ते

कुछ रह गए  , फीके फीके से रिश्ते।


कुछ खोया कुछ पाया, मिलकर के तुमसे 

जीवन में ठहराव, आया तुम्हीं से।


कुछ तोरे कुछ कड़वे, तुम संग मेरे रिश्ते

कुछ रह गए कटुक ,  कसैले से रिश्ते।


विरासत में मिले , संस्कार पिता से

सम्मान हमको , मिला है तुम्हीं से।


कुछ चटपटे, नमकीन, तीखे से रिश्ते

कुछ रह गए , खारे खारे से रिश्ते।


इकरार इनकार , में बीता जमाना

चलता रहा  , जीवन का फसाना।


कुछ गरम कुछ नरम , तुम संग मेरे रिश्ते

कुछ रह गए , ठंडे-ठंडे से रिश्ते ।


कुछ झन्नाए कुछ सन्नाए , तुम संग मेरे रिश्ते

कुछ रह गए, सरसरा के ये रिश्ते।


तार से तार आपस में, उलझे हों जैसे

कुछ रह गए , फड़फड़ा के ये रिश्ते।


जब से जुड़े तार , रिश्तो के तुमसे

तभी से जतन से ,सहेजें हैं हमने।


नाजुक बड़े , ये अनोखे है रिश्ते

कुछ सुलझे ,कुछ उलझे ,तुम संग मेरे रिश्ते।


वंदना शर्मा बिंदु

                             देवास।




मास्क


बच्चों की खुशियां परिवार की जिम्मेदारी

एक छोटा सा मास्क है जिंदगी तुम्हारी।


अपनों के प्रति वफादारी बखूबी निभाएंगे

इसलिए एक छोटा सा मास्क लगाएंगे।


खुद जागे औरों को जगायेंगे

खुद बचे औरों को बचाएंगे


अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाएंगे

एक छोटा सा माइक हम भी लगाएंगे।


जिंदगी बहुमूल्य है इसे बचाएंगे

एक छोटा सा मास्क हम भी लगाएंगे


बाहर खड़ी पुलिस वो भी बड़ी सजग

कोरोना से बचाने तैयार है सदैव।


साथ हो तुम्हारा तो जीत लेंगे जंग।

करना नहीं है कुछ भी बस मास्क है लगाना


बस हाथ धोते रहना और मास्क है लगाना

थोड़ी सी दूरी रखना खुश रहना जिंदगी में



एक छोटा सा मास्क है जिंदगी तुम्हारी

एक छोटा सा मास्क है जिंदगी तुम्हारी।



वंदना शर्मा बिंदु देवास मध्य प्रदेश


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