एस के कपूर "श्री हंस"* *बरेली।।।। बाल साहित्य

 *विषय।।बाल साहित्य।।*

*विधा।।बाल शिक्षाप्रद कविता।।*

*शीर्षक।।स्कूल में शुरू हो गई*

*फिर से अब पढ़ाई है।।*

1

बिल्ली मौसी दूध मलाई

मेरी तुम मत खाना।

मुझ को खा पीकर     है

स्कूल को     जाना।।

करनी है    मुझको    तो 

खूब          पढ़ाई।

बंदर मामा मत कर  मेरी

छत पर    लड़ाई।।

2

कॅरोना में घर   बैठ  कर

आयी   बारी  है।

शुरू हुई फिर  स्कूल  की

तैयारी          है।।

हाथी दादा    मिलने हम

चिड़ियाघरआयेंगे।

बंदर मामा आकर  केला

तुम्हें    खिलायेंगे।।

3

भगवान जी से     मिलने

मंदिर    जाना है।

उनसे प्रार्थना करके  हम

को  आना     है।।

हम खूब करें  पढ़ाई  यह

आशीर्वाद   मिले।

स्कूल में सबसे मिल कर

वैसे ही मन खिले।।

4

आज स्कूल जाते   लड्डू

मिला खाने    को।

मना कर      दिया   हमने 

अनजाने      को।।

मम्मी पापा ने मना  किया 

ऐसे कुछ लेने को।

अच्छा नहीं  होता   किसी

को कुछ देने को।।

5

आज बूढ़ी काकी  को हम

ने सड़क पार कराई।

बचाया चिंटू मिंटू को  कर

रहे थे दोनों लड़ाई।।

टीचर जी ने बताया हमको

बात अच्छी  सीखें।

बिना मास्क  सड़क  पर यूँ

ही   नहीं     दीखें।।

*रचयिता।।एस के कपूर "श्री हंस"*

*बरेली।।।।*

मोब।।।।।।     9897071046

                     8218685464

कोई टिप्पणी नहीं:

Featured Post

दयानन्द त्रिपाठी निराला

पहले मन के रावण को मारो....... भले  राम  ने  विजय   है  पायी,  तथाकथित रावण से पहले मन के रावण को मारो।। घूम  रहे  हैं  पात्र  सभी   अब, लगे...