काव्यरंगोली आज का सम्मानित कलमकार कवि कुमार गिरीश गंगागंज राज0



 🌹 जीवन परिचय --🌷

                    ~~~~~~~~~


1- नाम --  गिरीश कुमार सोनवाल 

2 - उपाधि-- (A)कविराज 

                   (B)  रौद्र निराला

3- पिता का नाम -------रामचरण सोनवाल

4- माताजी -------संतरा देवी 

5-जन्म एवं जन्म स्थान---25may 1995 ,मिर्जापुर गंगापुर सिटी ,

   कर्मभूमी - जयपुर 

6--  पता  :- गंगापुर सिटी सवाई माधोपुर (राजस्थान ) 

7-- फोन नं.---------9667713522, 6378510174

8- शिक्षा............. स्नातकोत्तर,  upsc aspirant 

9- व्यवसाय--------  student 


10- प्रकाशित पुस्तकों की संख्या एवं नाम_____


○चारू काव्य धारा ,

○अक्षर सरिता धारा 

○आधुनिक युवा श्रृंगार 

○आज की प्रीत


○मां-भारती कविता संग्रह

○हौसलो की उड़ान





        


11-लेखन विधाएं: - 


वीर (ओज), रोद्र  एवं  श्रृंगार  ,मुक्तक     छन्द, कहानिया, सामाजिक एवं आध्यात्मिक लेखन कार्य ,

 साहित्य के क्षेत्र में सम्मान भी प्राप्त,विभिन्न समाचार पत्र-पत्रिकाओ में प्रकाशित रचनाएं



🌹संभल जा मानव🌹


 संभल  जा अब मानव तू  जरा ,

 समझ जा़ वक्त है अब भी तेरा ।


बिलख  कर  रोता रह  जाएगा ,

 समय  की  धारा  समझो जरा ।।


 मत बनो तुम  लापरवाह  अब ,

 संभल  जा अब मानव तू जरा ।


 कुछ  नहीं   जाएगा   रे   तेरा  ,

चंद  दिनों  की  बात है  ये जरा  ।


वरन  जान  से   जाएगा  व्यर्थ ,

 संभल जा अब मानव  तू जरा  ।।


मुश्किल   ये   दौर  चला  गया  ,

तब  भले  चाहे  जो  कर  लेना ।।


 समझ जा वक्त है अब भी तेरा ,

 सितम कर ना  किसी  पर जरा ।


 बिलख   जाएगा  सारा   जहां  ,

कर  न  तू     लापरवाही   अब ।।


........

कवि कुमार गिरीश

9667713522

  गंगापुर सिटी सवाई माधोपुर 

(राजस्थान)



🌹 बेटियां🌹




 बड़े नसीबों से मिलती है,

 भाग्य वालों को मिलती है ।

 किस्मत  वाले  होते  हैं वो,

 जिनको बेटियां मिलती  है।।


वो घर रोशन हो जाता है,

 जिस घर होती है बेटियां ।

घर भी  जन्नत  बन जाए ,

 बेटी के जो पग पड़ जाए।।


 बेटियां है तो सब कुछ है,

 वरना सारा जग वीरान ।

 बेटियों से ही है हम सब ,

 और सारा जगत-जहान।।


 दौलत-शोहरत घर की,

 मान-सम्मान हमारा है ।

मिलती है जिनको बेटियां ,

भाग्य स्वर्ग से प्यारा है ।।


किस्मत वाले हैं वो जिनको ,

ये प्यारी बेटियां मिलती है।

  बड़े नसीबों से मिलती है ,

 भाग्य वालों को मिलती है।।

.....

....

कवि कुमार गिरीश 

 गंगापुर सिटी सवाई माधोपुर 

राजस्थान

9667713522





🌹क्या भूल गई तुम🌹


हे नारी !

          आदिशक्ति!


क्यूॅ    तुमने  अपनी ,

पहचान   गवाॅ    दी ।

क्या  भूल  गई  तुम ,

अपना वीराना इतिहास।।

इक    बार    उठाकर ,

इतिहास तुम देख लो ।

तुम हो  वही जिसने ,

नामर्दो को धूल चटा दी ।।


निज  दूध  -  री ,

लाज  बचाने  खातिर ।

कंगन उतारे हाथो से ,

हटाई माथे की बिंदिया ।।

हाथो मे उठाऐ भाले ,

भाल पर लगाई माटी ।

कूद  पडी  जौहर  मे ,

ज्वाला चण्डालिका बन ।।


तुम   बैठी  हो  यूॅ ,

शरमा - इठलाकर ।

और कितने उदाहरण ,

ढूढकर   लाऊ  मै ।।

इस पावन धरा पर ,

जितने भी संग्राम हुए ।

क्या भूल गई तुम ,

तुम्हारे ही पीछे हुये ।।


तुम्हारा   इतिहास   बडा ,

वीराना और खौफनाक है ।

नर मुण्डो  की  माल गले ,

पहनती वो , आदिशक्ति हो ।।

दहक-दहक-दहके ज्वाला ,

तुम  वो  प्रचण्ड  अग्नि  हो ।

अरे  क्या   भूल  गई  तुम  ,

तुम   झांसी   मर्दानी   हो ।।


सुध   लो   और   अब ,

जाग जाओ उठ जाओ ।

लाज   शर्म   छोडकर ,

पहन   केसरिया  बाना ।।

कंगन - चूडी की जगह ,

हथियार    धारण  कर ।

रण मे उतरकर अबला ,

संग्राम महाभारत कर दो ।।


तुम  जगदम्बा  चंडालिका ,

कालिका  श्री   चरणों  में  ।

वाशिंदगी बिच उठने वाले ,

सारे  मुंड   माल   डाल दो ।।

कुकृत्य कलुषित्ता का तुम ,

कर दो ,हां कर भी दो संहार ।

 अबला नारी का एक परिचय ,

 दिखा दो फिर से दुनिया को।।


...........

कवि कुमार गिरीश


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